
GST 2025-Nirmala Sitharaman’s- का बड़ा GST सुधार– भारत की अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद से समय-समय पर कई बदलाव किए जाते रहे हैं। लेकिन 4 सितम्बर 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं GST काउंसिल की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। इस बैठक में लिए गए निर्णय न केवल टैक्स ढांचे को सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं, बल्कि इससे देश के करोड़ों उपभोक्ताओं और उद्योग जगत पर सीधा असर पड़ेगा।
क्या है बड़ा बदलाव?
- अब तक GST चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) में बंटा हुआ था।
- काउंसिल ने इसे घटाकर केवल दो मुख्य दरें (5% और 18%) कर दिया है।
- साथ ही 40% का नया सुपर-स्लैब बनाया गया है जो लग्ज़री और “सिन गुड्स” पर लागू होगा।
जरूरी सामान सस्ता
- साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल, शेविंग क्रीम जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर अब केवल 5% GST लगेगा (पहले 18%)।
- दूध उत्पाद, पनीर, मक्खन, ब्रेड, कुछ दवाएँ और शैक्षणिक वस्तुएँ अब पूरी तरह टैक्स-फ्री (0% GST) होंगी।
बीमा पर बड़ी राहत
- जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पहले 18% GST लगता था।
- अब इन पर पूरी तरह छूट दी गई है।
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ सामान
- AC, 32 इंच से बड़े टीवी और डिशवॉशर जैसी वस्तुओं पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
- इससे कीमतों में लगभग 8–9% तक की गिरावट आएगी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर
- छोटी कारें (पेट्रोल 1200cc से कम, डीज़ल 1500cc से कम) अब 18% GST के दायरे में आ गई हैं।
- मोटरसाइकिलें (350cc तक) भी सस्ती होंगी।
- लेकिन बड़ी SUVs, प्रीमियम कारें और 350cc से ऊपर की बाइक्स पर अब 40% GST लगाया जाएगा।
- इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पर पहले की तरह 5% GST जारी रहेगा।
ई-कॉमर्स डिलीवरी सर्विस पर असर
- अब Zomato, Swiggy, Blinkit जैसी कंपनियों के डिलीवरी चार्ज पर 18% GST लगेगा।
- इसका असर सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा।


फुटवियर उद्योग को राहत
- 2500 रुपये तक के जूते-चप्पल पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है।
असर आम जनता पर
- राहत की सौगात
रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती होने से मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट जैसी चीजों पर टैक्स कम होने से मासिक बजट हल्का होगा। - बीमा पॉलिसी सस्ती
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर GST हटाने से प्रीमियम सीधे कम हो जाएगा। इससे लोग ज्यादा बीमा लेने के लिए प्रेरित होंगे। - कार और बाइक खरीदारों के लिए दोहरी स्थिति
- छोटी कारें और आम बाइक खरीदने वालों को फायदा।
- लग्ज़री कार या बड़ी बाइक खरीदने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ।
- ऑनलाइन फूड डिलीवरी महँगी
Swiggy या Zomato से खाना मँगाना अब पहले से थोड़ा महँगा हो जाएगा।
असर उद्योग और कारोबार पर
- FMCG कंपनियाँ
- HUL, ITC, Nestlé जैसी कंपनियों को बड़ा फायदा।
- सस्ते उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी और त्योहारों के सीजन में डिमांड तेजी से बढ़ेगी।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
- Maruti, Tata और Hyundai जैसी कंपनियों को बूस्ट मिलेगा।
- लग्ज़री ब्रांड्स (Mercedes, BMW, Audi) को झटका लग सकता है।
- बीमा सेक्टर
- HDFC Life, LIC, ICICI Prudential जैसी कंपनियों के शेयरों में 5–6% तक उछाल देखा गया।
- ज्यादा लोग बीमा खरीदेंगे, जिससे कंपनियों का बिजनेस बढ़ेगा।
- ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर
- कंपनियों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ।
- उपभोक्ताओं की संख्या पर असर पड़ सकता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- मुद्रास्फीति (Inflation)
अनुमान है कि महँगाई में करीब 1.1 प्रतिशत अंक की गिरावट होगी। - GDP ग्रोथ
उपभोग बढ़ने से अगले 4–6 तिमाहियों में GDP ग्रोथ 100–120 बेसिस पॉइंट तक बढ़ सकती है। - राजस्व पर असर
सरकार को करीब ₹48,000 करोड़ का राजस्व नुकसान हो सकता है। लेकिन उम्मीद है कि बढ़ी हुई खपत और compliance से यह घाटा कुछ हद तक पूरा हो जाएगा।
| क्षेत्र / श्रेणी | GST में बदलाव | संभावित असर |
|---|---|---|
| आवश्यक वस्तुएँ (FMCG, दवाइयाँ) | घटाकर 5% | कीमतें कम होंगी, खपत बढ़ेगी |
| जीवन और स्वास्थ्य बीमा | GST मुक्त | प्रीमियम सस्ता होगा, बीमा कंपनियों को बढ़ावा |
| ऑटो और उपकरण (Appliances) | 28% से घटाकर 18% | त्योहारों में डिमांड बढ़ेगी |
| डिलीवरी सेवाएँ | डिलीवरी शुल्क पर 18% GST | प्लेटफ़ॉर्म और ग्राहकों के लिए खर्च बढ़ेगा |
| किफायती फुटवियर (₹2500 तक) | घटाकर 5% | खरीदारी को प्रोत्साहन, रिटेलर्स को फायदा |
| लग्ज़री और सिन गुड्स | नया स्लैब 40% | खपत कम होगी, सरकार को ज़्यादा राजस्व |