
भारतीय शेयर बाजार की चाल इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव भरी दिखाई दे रही है। कभी सेंसेक्स और निफ्टी तेजी के रंग में चमक उठते हैं तो कभी अचानक से मुनाफावसूली का दबाव बाजार को लाल निशान में ले जाता है। विदेशी निवेशकों (FIIs) की गतिविधियाँ, अमेरिकी फेड की ब्याज दरों को लेकर अटकलें और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसी वैश्विक वजहों के चलते बाजार का मूड रोज बदलता नजर आ रहा है। लेकिन इस बीच, घरेलू स्तर पर एक बड़ा फैक्टर ऐसा आया जिसने खासतौर पर ऑटो सेक्टर के शेयरों को नई उड़ान दे दी—वह है जीएसटी कटौती की खबर।
जीएसटी कटौती का असर
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में ऑटोमोबाइल्स पर जीएसटी दरों में कमी की जा सकती है। लंबे समय से कार कंपनियां और टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स मांग कर रहे थे कि बिक्री में तेजी लाने और मांग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स बोझ कम किया जाए। जैसे ही ये चर्चा तेज हुई, शेयर बाजार में मारुति सुज़ुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो जैसे दिग्गज शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली।
निवेशकों को उम्मीद है कि टैक्स में कटौती से वाहनों की कीमतें कम होंगी और ग्राहकों की मांग बढ़ेगी। इससे कंपनियों की सेल्स और प्रॉफिट दोनों में सुधार होगा। यही भरोसा बाजार में ऑटो स्टॉक्स को ‘गदर’ मचाने का मौका दे गया।
सेंसेक्स-निफ्टी का हाल
सप्ताह की शुरुआत में सेंसेक्स 400 अंकों तक चढ़ा, लेकिन बाद में विदेशी निवेशकों की बिकवाली और ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों ने इसे दबाव में ला दिया। वहीं, निफ्टी भी 20,000 के ऊपर पहुंचकर टिक नहीं सका और 19,850 के आसपास फिसल गया।
लेकिन, इसी गिरावट के दौर में ऑटो इंडेक्स सबसे मजबूत सेक्टरल गेनर बनकर उभरा। एनएसई का निफ्टी ऑटो इंडेक्स एक ही दिन में करीब 3-4% तक उछल गया।
ऑटो सेक्टर को मिल सकती है राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जीएसटी दरों में वाकई कटौती होती है तो ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलेगी। कोविड-19 महामारी के बाद से ही इस सेक्टर की ग्रोथ धीमी पड़ी थी। इसके ऊपर कच्चे माल की कीमतें बढ़ने और ब्याज दरों के ऊँचे रहने का दबाव भी रहा। नतीजा यह हुआ कि गाड़ियों की कीमतें लगातार बढ़ती रहीं और ग्राहकों की जेब पर बोझ ज्यादा हो गया।
अगर टैक्स कम होता है तो गाड़ियों की कीमतें घटेंगी, जिससे खासतौर पर एंट्री-लेवल कार्स और टू-व्हीलर्स की बिक्री में तेजी आ सकती है। ग्रामीण इलाकों में भी मांग को बढ़ावा मिलेगा। यही उम्मीद ऑटो स्टॉक्स में तेजी का बड़ा कारण है।
मारुति, टाटा, महिंद्रा, Eicher और MRF बने स्टार
शेयर बाजार में मारुति सुज़ुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, Eicher Motors (Royal Enfield) और टायर दिग्गज MRF जैसे स्टॉक्स ने शानदार बढ़त दर्ज की। निवेशकों को उम्मीद है कि जीएसटी कटौती से गाड़ियों और टायरों की कीमतें कम होंगी और बिक्री में तेजी आएगी।
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निवेशकों का मूड
मौजूदा समय में बाजार में निवेशकों का मूड थोड़ा ‘वेट एंड वॉच’ वाला है। ज्यादातर निवेशक ग्लोबल मार्केट और घरेलू नीतिगत फैसलों पर नजर रख रहे हैं। हालांकि, शॉर्ट टर्म में ऑटो स्टॉक्स को लेकर सेंटीमेंट पॉजिटिव बना हुआ है।
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो जो निवेशक लॉन्ग टर्म के नजरिए से देख रहे हैं, उनके लिए यह समय ऑटो कंपनियों के अच्छे शेयर चुनने का हो सकता है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) से जुड़ी कंपनियाँ आने वाले समय में बड़ा फायदा दे सकती हैं।
आगे का रास्ता
शेयर बाजार के लिए अगले कुछ हफ्ते काफी अहम रहने वाले हैं। अमेरिकी फेड की ब्याज दरों पर बैठक, कच्चे तेल के दाम और रुपये की चाल बाजार की दिशा तय करेंगे। घरेलू मोर्चे पर सरकार की ओर से जीएसटी कटौती पर अंतिम फैसला निवेशकों की नजर में रहेगा।
अगर यह राहत मिलती है, तो ऑटो सेक्टर में तेजी का सिलसिला और लंबा खिंच सकता है। वहीं, अगर निर्णय टलता है या उम्मीदों से अलग होता है, तो मुनाफावसूली का दबाव वापस आ सकता है।
निष्कर्ष
शेयर बाजार की मौजूदा चाल कभी ग्रीन तो कभी रेड की तरह नजर आ रही है। लेकिन जीएसटी कटौती की खबरों ने ऑटो सेक्टर को नई जान दे दी है। आने वाले दिनों में निवेशकों की निगाहें सरकार के फैसले और वैश्विक बाजार के संकेतों पर टिकी रहेंगी। यानी बाजार की कहानी अभी बाकी है—और इसमें उतार-चढ़ाव की और कई परतें खुलनी बाकी हैं।