
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 के नतीजे आते ही छात्र राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 18 सितंबर को हुए मतदान के बाद 19 सितंबर को सुबह से ही मतगणना जारी है। अब तक 16 राउंड की काउंटिंग पूरी हो चुकी है, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद पर मजबूत बढ़त बना ली है। वहीं, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) उपाध्यक्ष पद पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए है।
16 राउंड के बाद स्थिति
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अध्यक्ष (President): आर्यन मान (ABVP) बढ़त पर
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उपाध्यक्ष (Vice President): राहुल झांसला (NSUI) आगे
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सचिव (Secretary): कुनाल चौधरी (ABVP) बढ़त में
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संयुक्त सचिव (Joint Secretary): दीपिका झा (ABVP) आगे
इन नतीजों से साफ है कि ABVP तीन पदों पर कब्जा जमाने की ओर बढ़ रही है, जबकि NSUI ने उपाध्यक्ष पद पर मजबूत पकड़ बनाई है।
मतगणना का माहौल
उत्तर परिसर (North Campus) स्थित किंग्सवे कैंप में सुबह से ही सुरक्षा के कड़े इंतज़ामों के बीच मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई। जैसे-जैसे राउंड आगे बढ़े, समर्थकों का उत्साह बढ़ता गया।
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ABVP समर्थक नारेबाजी और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाने लगे।
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वहीं, NSUI कार्यकर्ता भी उपाध्यक्ष पद पर बढ़त मिलने से जोश में दिखे।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस और CRPF की तैनाती की थी
मतदान प्रतिशत
इस बार 2.75 लाख छात्रों को वोट डालने का अधिकार था, जिनमें से लगभग 39.45% छात्रों ने मतदान किया। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक है।
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मतदान के दौरान दक्षिण और उत्तर दोनों परिसरों में लंबी कतारें देखने को मिलीं।
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कई छात्र पहली बार वोट डालकर काफी उत्साहित नज़र आए।
ABVP का बढ़त का कारण
ABVP ने इस चुनाव में रोज़गार, सुरक्षा, नई बस सेवाएं और हॉस्टल की सुविधा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी। सोशल मीडिया और ग्राउंड कैंपेनिंग दोनों स्तर पर संगठन ने छात्रों तक अपनी बात पहुँचाई।
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अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान की व्यक्तिगत लोकप्रियता भी ABVP की बढ़त का अहम कारण बताई जा रही है।
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सचिव और संयुक्त सचिव पद पर भी छात्रों ने ABVP को स्पष्ट समर्थन दिया।
NSUI की वापसी
हालांकि NSUI तीन पदों पर पिछड़ती दिख रही है, लेकिन राहुल झांसला की उपाध्यक्ष पद पर बढ़त ने पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर दी है।
NSUI ने इस बार फीस वृद्धि, छात्रवृत्ति और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा, जिसका असर वोटिंग पैटर्न में दिखा।
अन्य संगठनों की स्थिति
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AISA और SFI भी चुनाव मैदान में थे, लेकिन बड़े पदों पर उनकी पकड़ कमजोर रही।
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हालांकि, इन संगठनों ने मुद्दा-आधारित राजनीति से छात्रों का ध्यान आकर्षित किया।
राजनीतिक महत्व
DUSU चुनावों का असर केवल विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसका सीधा संबंध राष्ट्रीय राजनीति से भी माना जाता है।
कई बड़े नेता जैसे अरुण जेटली, अजय माकन, विजय गोयल आदि DUSU चुनाव से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचे हैं।
इसलिए यह चुनाव केवल छात्र राजनीति का नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक परिदृश्य का भी आईना माने जाते हैं।
छात्रों की उम्मीदें
छात्र अब चाहते हैं कि विजेता प्रतिनिधि केवल वादों तक सीमित न रहें, बल्कि हॉस्टल की कमी, कैंटीन में महंगाई, महिला सुरक्षा और लाइब्रेरी सुविधाओं पर ठोस काम करें।
एक छात्रा ने कहा – “हमने बदलाव की उम्मीद से वोट डाला है। उम्मीद है कि विजेता अब कैंपस में वास्तविक सुधार लाएंगे।”
निष्कर्ष
DUSU Election Results 2025 ने फिर साबित कर दिया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की राजनीति कितनी जोशीली और प्रतिस्पर्धी है। ABVP तीन पदों पर कब्जा जमाने के करीब है, जबकि NSUI ने उपाध्यक्ष पद से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अंतिम नतीजे आने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि नए प्रतिनिधि छात्रों के मुद्दों पर कितना गंभीर काम करते हैं।