
भारत में रेलवे और मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार बड़े निवेश हो रहे हैं। इसी माहौल में Airfloa Rail Technology Limited नाम की कंपनी शेयर बाज़ार में उतरी है। यह कंपनी रेलवे और मेट्रो कोच के लिए दरवाज़े, खिड़कियां, सीटें और इंटीरियर से जुड़ी तकनीक व उपकरण बनाती है। हाल ही में इसका आईपीओ (Initial Public Offer) निवेशकों के बीच सुर्खियों में रहा और अब इसकी लिस्टिंग ने बाजार में हलचल पैदा कर दी है।
कंपनी क्या करती है?
Airfloa Rail Technology Limited मुख्य रूप से रेलवे कोच और मेट्रो ट्रेनों के लिए इंटीरियर फिटिंग्स और कॉम्पोनेंट्स तैयार करती है। कंपनी के उत्पादों में स्लाइडिंग डोर, खिड़कियां, इंटीरियर पैनल, सीटें, एसी वेंट्स और अन्य आधुनिक उपकरण शामिल हैं।
कंपनी के ग्राहक भारतीय रेलवे के विभिन्न कोच फैक्ट्री, देश के कई मेट्रो प्रोजेक्ट और विदेशों के कुछ ऑर्डर भी हैं। उदाहरण के तौर पर, कंपनी ने श्रीलंका और अन्य देशों के लिए कोच सप्लाई किए हैं।
IPO का सफर
कंपनी ने सितंबर 2025 में शेयर बाज़ार में कदम रखा। इसका आईपीओ 11 सितंबर से 15 सितंबर 2025 तक खुला रहा।
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इश्यू साइज: लगभग ₹91.10 करोड़
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प्राइस बैंड: ₹133 से ₹140 प्रति शेयर
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लॉट साइज: न्यूनतम 1,000 शेयर
आईपीओ का मकसद कंपनी की मशीनरी और उपकरणों में निवेश, कर्ज़ की अदायगी, कार्यशील पूंजी और सामान्य कॉर्पोरेट ज़रूरतों को पूरा करना था।
निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स
Airfloa Rail Technology का IPO निवेशकों के बीच हाथों-हाथ लिया गया। सब्सक्रिप्शन के मामले में यह 281 गुना बुक हुआ। यह आंकड़ा बताता है कि निवेशकों में रेलवे और मेट्रो सेक्टर की इस कंपनी को लेकर कितना उत्साह है।
साथ ही, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में भी शेयर को जोरदार मांग मिली। लिस्टिंग से पहले इसका GMP लगभग 125% प्रीमियम पर चल रहा था।
शानदार लिस्टिंग
18 सितंबर 2025 को कंपनी का शेयर BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुआ। लिस्टिंग प्राइस इश्यू प्राइस से लगभग 90% अधिक रहा। यह प्रदर्शन SME सेगमेंट में हाल के समय की सबसे चर्चित लिस्टिंग में गिना गया।
वित्तीय स्थिति
कंपनी के आंकड़े इसकी मजबूती को दिखाते हैं:
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वित्त वर्ष 2025 में राजस्व: लगभग ₹192 करोड़
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शुद्ध लाभ (PAT): लगभग ₹25.5 करोड़
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EBITDA मार्जिन: लगभग 24.6%
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शुद्ध लाभ मार्जिन: लगभग 13.2%
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ROE: करीब 30%
इन नतीजों से साफ है कि कंपनी न सिर्फ मुनाफे में है बल्कि अपने शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देने में सक्षम भी है।
कंपनी की ताकत
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रेलवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स में तेजी से बढ़ती मांग।
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भारतीय रेलवे और सरकारी प्रोजेक्ट्स से मजबूत ऑर्डर बुक।
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अच्छी वित्तीय स्थिति और बेहतर मार्जिन।
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निर्यात बाज़ार में भी पैठ बनाने की कोशिश।
संभावित जोखिम
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सरकारी निर्भरता: कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा रेलवे और सरकारी प्रोजेक्ट्स पर निर्भर है।
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लागत का दबाव: कच्चे माल और सप्लाई चेन की बढ़ती लागत से मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
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प्रतिस्पर्धा: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से मुकाबला।
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SME मार्केट रिस्क: शेयर SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड है, जहां वोलैटिलिटी ज्यादा रहती है।
चुनौतियाँ
हालाँकि कंपनी के सामने कुछ जोखिम भी हैं:
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आय का बड़ा हिस्सा सरकारी प्रोजेक्ट्स पर निर्भर, जिससे प्रोजेक्ट में देरी या बजट कटौती असर डाल सकती है।
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कच्चे माल और सप्लाई चेन की लागत में बढ़ोतरी।
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प्रतिस्पर्धा का दबाव, खासकर ग्लोबल कंपनियों से।
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SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग होने की वजह से शुरुआती निवेशकों के लिए सर्किट लिमिट का जोखिम।
निष्कर्ष
Airfloa Rail Technology Limited की एंट्री भारतीय शेयर बाजार में काफी धमाकेदार रही है। रेलवे और मेट्रो सेक्टर में सरकार के बढ़ते निवेश को देखते हुए कंपनी के पास विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। हालांकि निवेशकों को यह भी ध्यान रखना होगा कि यह SME शेयर है और इसमें उतार-चढ़ाव तेज़ हो सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह IPO न सिर्फ निवेशकों के लिए बल्कि रेलवे तकनीक और विनिर्माण क्षेत्र के लिए भी एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है
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